Shiv chaisa - An Overview
दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?Your browser isn’t supported anymore. Update it to obtain the most effective YouTube expertise and our newest capabilities. Find out more
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
भगवान शिव जी की चालीसा के बोल निचे दिए गए हैं। श्री शिव चालीसा प्रारम्भ।
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर more info मोहि आन उबारो॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र